जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय (अथवा मात्र जराविवि) (संस्कृतभाषा: जगद्गुरुरामभद्राचार्यविकलांगविश्वविद्यालयः), चित्रकूट धाम, उत्तर प्रदेश, भारतवर्ष में स्थापित एक विश्वविद्यालय है। यह भारतवर्ष में और विश्व में विकलांगों के लिए सर्वप्रथम विशिष्टविश्वविद्यालय है। इसकी स्थापना आश्विनपूर्व २७, २००१ को जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा हुई थी और इसे जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांगशिक्षण संस्थान नामक एक संस्थान द्वारा संचालित किया जाता है, जो समस्तयोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी है। इस विश्वविद्यालय का सृजन उत्तर प्रदेश सरकार के एक अध्यादेश द्वारा किया गया था, जो पश्चात् उत्तर प्रदेश विधायिका द्वारा उत्तर प्रदेश राज्यअधिनियम ३२ (२००१) के रूप में पारित किया गया था। अधिनियम के अनुरूप जगद्गुरु रामभद्राचार्य को विश्वविद्यालय के जीवनपर्यन्त कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया। विश्वविद्यालय में संस्कृतभाषा, हिन्दीभाषा, आंग्लभाषा, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, गानविद्या, चित्रकला, चित्रकारी, ललितकला, विशिष्टशिक्षण, शिक्षण, इतिवृत्त, संस्कृति एवं पुरातत्व, अभिकलित्र एवं सूचना विज्ञान, व्यावसायिकशिक्षा, विधि, अर्थशास्त्र, प्रोस्थेटिक्स और ओर्थोटिक्स सहित विभिन्न धाराओं में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान की जाती है। विश्वविद्यालय की २०१३ तक आयुर्वेद और चिकित्सवीय विज्ञान के पाठ्यक्रम के प्रदान को प्रारंभ करने की योजना है।